यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी पहली रैली के जरिए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का सियासी एजेंडा सेट करने में जुट गए हैं. महाराष्ट्र की सियासी पिच पर उतरते ही सीएम योगी ने ‘बंटेंगे तो कटेंगे’, ‘एक रहेंगे तो नेक और सेफ रहेंगे’ नारे के साथ हिंदुत्व के मुद्दे को धार देते नजर आए. उन्होंने पाकिस्तान से लेकर फिलीस्तीन तक जिक्र किया तो हनुमान चालीसा का मुद्दा उठाया. शिवाजी के बहाने योगी ने जातियों में बिखरे हिंदू वोटों को एकजुट करने की कवायद करते नजर आए.
‘बंटेंगे तो कटेंगे’ का नारा हरियाणा चुनाव के दौरान चर्चा के केंद्र में आया था और अब ये राजनीतिक प्रयोग महाराष्ट्र में भी शुरू हो गया है. पिछले दिन मुंबई और ठाणे में सीएम योगी की फोटो के साथ ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ के संदेश वाले होर्डिंग्स लगाए गए थे. अब महाराष्ट्र के चुनावी मैदान में उतरते ही सीएम योगी ने ‘बंटेंगे तो कटेंगे’, का नैरेटिव सेट करना शुरू कर दिया. योगी आदित्यनाथ की करीब 15 सभाएं महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों में होनी है, जिसकी शुरुआत बुधवार से हो गई है.
योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को महाराष्ट्र में तीन जनसभाएं संबोधित की. पहली वाशिम में, दूसरी अमरावती में और तीसरी रैली अकोला में हुई. इन तीनों ही जगहों पर ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ का जिक्र करते योगी हिंदू समुदाय को सियासी संदेश देते नजर आए. शिवाजी से प्रेरणा लेने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि इतिहास में हम जब भी बंटे, कटे थे. इसलिए अब हमें एकजुट रहना होगा. साथ ही यह भी कहा कि भारत की चिंता की बजाय कुछ लोग पाकिस्तान और फिलीस्तीन के लिए घड़ियाली आंसू बहाते हैं.
हनुमान चालीसा और शिवाजी के बहाने साधा निशाना
वाशिम में बंटेगे तो कटेंगे और एक रहोगे तो सेफ रहोगे का मुद्दा उठाया तो अमरावती में सीएम योगी ने दो टूक कहा कि नवनीत राणा यहां हनुमान चालीसा के लिए भी संघर्ष कर रही थीं, त्रेतायुग में जब बजरंग बली रहे होंगे, तब इस्लाम नाम की वस्तु ही नहीं रही होगी. उन्होंने कहा कि किन कारणों से रामनवमी की शोभायात्रा निकालने और हनुमान चालीसा पढ़ने से रोका जाता है, जिन्हें बजरंग बली पसंद नहीं है, उन्हें जो पसंद हैं, वे वहीं जाएं, आखिर भारत में कौन भारतीय है, जो राम और बजरंग बली को नहीं मानता है.
सीएम योगी ने कहा कि शिवाजी महाराज का संघर्ष भारत के स्वाभिमान व सम्मान का संघर्ष था. औरंगजेब की सत्ता को चुनौती देने के लिए शिवाजी महराज आगरा गए थे. वहां म्यूजियम बन रहा था, जब मैं मुख्यमंत्री बना तो आगरा गया. वहां हमें बताया गया कि यह मुगल म्यूजियम है और इसमें औरंगजेब से जुड़ी हुईं स्मृतियां रहेंगी. मैंने कहा कि औरंगजेब तो विदेशी आक्रांता था, उससे तुम लोगों का क्या संबंध है. इस म्यूजियम का नाम बदलो, इसका नाम छत्रपति शिवाजी की स्मृति में होगा.
साथ ही सीएम योगी ने कहा कि वे जम्मू-कश्मीर चुनाव में जम्मू एयरपोर्ट पर उतरे तो एक मौलवी ने राम-राम किया, मैं समझा नहीं, फिर उसने कहा कि योगी जी राम-राम, यह देख एयरपोर्ट के अधिकारी भौचक हुए तो मैंने कहा कि आश्चर्य न कीजिए, यह धारा-370 हटने का इफेक्ट है. सीएम योगी ने कहा, पीएम मोदी के नेतृत्व में ‘न्यू इंडिया’ में यदि सीमा पर कोई घुसपैठ होगी तो ‘राम नाम सत्य’ यात्रा निकाली जाएगी. योगी आदित्यनात ने कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना और शरद पवार की एनसीपी के गठबंधन को महा अनाड़ी बताया. उन्होंने कहा कि इनको देश, धर्म, राष्ट्रवाद, समाज और राष्ट्र के मूल्यों और सिद्धांतों की चिंता नहीं है. साथ ही अयोध्या, काशी और मथुरा तक का जिक्र किया.
लोकसभा में मिली हार से उभरने का प्लान
महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटों के लिए 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. साल 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी महाराष्ट्र में नंबर वन पार्टी थी, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी नेतृत्व वाले महायुति को मात खानी पड़ गई थी. इसके चलते अब बीजेपी विधानसभा चुनाव में हरसंभव कोशिश में जुटी है, जिसके लिए खास रणनीति बनाई है. अगले दस दिनों तक बीजेपी के दिग्गज नेता महाराष्ट्र की सियासी फिजा को अपने पक्ष में करने के लिए उतर रहे हैं. इसी कड़ी में सीएम योगी की बुधवार को तीन जनसभाएं हुई है और उन्होंने यूपी और हरियाणा की तरह ‘बंटेंगे तो कटेंगे’का नैरेटिव सेट करना शुरू कर दिया है.
वहीं, उद्धव ठाकरे के शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने सीएम योगी को निशाने पर लेते हुए कहा कि महाराष्ट्र छत्रपति शाहूजी, ज्योतिबा फूले और भीम अंबेडकर का है. छत्रपति शिवाजी महाराज की भूमि पर ना तो कोई बंटेंगा और न ही कोई कटेगा. योगी आदित्यनाथा लोकसभा में उत्तर प्रदेश में अपनी पार्टी को नहीं बचा सके. अयोध्या, चित्रकूट में पार्टी को बचाया नहीं जा सका तो महाराष्ट्र में वे क्या कर लेंगे. महाराष्ट्र के लोग महा विकास अघाड़ी के साथ हैं और बीजेपी की कोई भी साजिश काम आने वाली नहीं है.
महाराष्ट्र में कॉस्ट पॉलिटिक्स ने बीजेपी की सियासी टेंशन बढ़ा रखी है. मराठा आरक्षण आंदोलन ने लोकसभा चुनाव में बीजेपी को झटका दिया था. मराठों के खिलाफ ओबीसी और धनगरों के खिलाफ आदिवासियों के बीच सियासी संघर्ष बना हुआ है. इसके चलते इस चुनाव में आरक्षण का मुद्दा जोरों पर है. महा विकास अघाड़ी ने जातिगत जनगणना और आरक्षण की 50 फीसदी के बैरियर को तोड़ने का वादा करके बीजेपी के लिए सियासी चुनौती खड़ी कर दी है.
क्या कहना है राजनीतिक विश्लेषकों का ?
राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ का नारा देकर बीजेपी हिंदू वोटों को एकजुट करना चाहती है, क्योंकि 2024 लोकसभा चुनाव में मुस्लिम वोटों का ध्रुवीकरण हुआ था, लेकिन हिंदू वोटों का नहीं. इसलिए बीजेपी ने बजरंग बली से लेकर बंटेंगे तो कटेंगे जैसे नारे दे रही है. महाराष्ट्र में आरक्षण का मुद्दा काफी बड़ा बन गया है, जिसके तलते धार्मिक ध्रुवीकरण सफल नहीं हो पा रहा है.
योगी आदित्यनाथ को सिर्फ उत्तर भारतीय वोटों के लिए नहीं बल्कि एक हिंदू आइकन के रूप में महाराष्ट्र उतारा गया है. इसीलिए अपनी पहली रैली से ही हिंदुत्व के एजेंडे को सेट करने में जुट गए हैं ताकि महाराष्ट्र में मराठा और ओबीसी आधारित वोटिंग को हिंदुत्व के नाम पर एकजुट कर करेंगे. ऐसा करके योगी जाति आधारित मतदान पर काबू पाने की कोशिश कर रहे हैं. इससे बीजेपी को अपने फायदे की उम्मीद दिख रही है. इसीलिए बीजेपी के तमाम नेता ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ के नारे को बुलंद कर रहे हैं.
– India Samachar
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