‘सिंघम अगेन’ (Singham Again) में रोहित शेट्टी ने तगड़ी प्लानिंग की थी. इसके भरोसे लग भी रहा है कि फिल्म बजट निकालने में कामयाबी हासिल कर लेगी. लेकिन कब तक? क्या सिर्फ बजट निकालना ही बहुत है? कई सवाल इस वक्त रोहित शेट्टी से पूछे जाने चाहिए, जो फिल्म की कमाई देखकर सोच रहे होंगे कि लोगों ने उन्हें पॉजिटिव रिस्पॉन्स दिया है. क्या सिर्फ बजट निकालना और पैसे कमाना ही अच्छी फिल्म बनाने की निशानी है? इस खबर में हम आपको इसका जवाब देंगे. उस नुकसान के बारे में भी बताएंगे, जो आगे आने वाली फिल्मों को होने वाला है.
जब भी रोहित शेट्टी को ‘सिंघम अगेन’ बनाने का आइडिया आया होगा, तो दिमाग में बहुत सी चीजें चल रही होंगी. पर क्या सोचकर सिंघम के रियल टच के साथ इतनी छेड़छाड़ की गई? शायद इसलिए कि बड़े-बड़े सितारों को लेकर एक बड़ी फिल्म बनाएंगे और खूब सारा पैसा कमा लेंगे. इस वक्त बॉक्स ऑफिस पर बजट से थोड़ी सी ज्यादा कमाई करके फिल्म हिट लिस्ट में आ जाती है, लेकिन दूर की नहीं सोची जाती. रोहित शेट्टी उस नुकसान को नहीं देख पाए, जो आगे होने वाला है.
ये 1 गलती अगले प्रोजेक्ट्स को पहुंचाएगी नुकसान!
बिना सोचे समझे रोहित शेट्टी ने कुछ भी नहीं किया है. उन्होंने अपनी अगली दो फिल्मों का ऐलान कर दिया है. दीपिका पादुकोण के साथ ‘शक्ति शेट्टी’ पर स्टैंड अलोन पिक्चर. वहीं दूसरी फिल्म का नाम है- मिशन चुलबुल और सिंघम. इन बड़े स्टार्स के होते हुए भी यह फिल्म कितना कमा सकती है. 1000 करोड़ या 1500 करोड़ या इससे कम. लेकिन वो भी तब होगा, जब रोहित शेट्टी और अजय देवगन ‘सिंघम अगेन’ में की गई गलती को सुधारेंगे. दरअसल इस फ्रेंचाइजी को किस एक चीज के लिए जाना और पहचाना जाता था? अजय देवगन का मराठा वाला टच. इसके बिना क्या फिल्म? सिर्फ बोल देने से मैं मराठा हूं, काम नहीं चलता.
जनता फिल्म में डायलॉग से ज्यादा स्क्रीन पर चल रहे सीन्स से कनेक्ट करती है. इस बार तो करीना कपूर को वापस लाने के लिए श्रीलंका घूमा जा रहा था. कान तरस गए सुनने के लिए आता माझी सटकली… पर पिक्चर देखकर यह विश्वास हो गया था कि नई फिल्म के साथ रोहित शेट्टी ने पुराना सबकुछ डिलीट कर दिया है. यहां तक कि अजय देवगन का अंदाज, जिसके लिए वो जाने जाते हैं, इस बार फिल्म में दूसरे सितारों के बीचों-बीच दब गए.
अगली फिल्म में किन सुधार की जरूरत?
- रियल टच पर लौटना: वो कहते हैं न कि कितनी भी पढ़ाई लिखाई कर लो, बेसिक कभी भूलना नहीं चाहिए. ठीक उसी तरह अब वक्त आ गया है कि नुकसान को रोकने के लिए रोहित शेट्टी पुराने टच को फिल्म में वापस लाए. अगर उस अंदाज से दीपिका पादुकोण की फिल्म भी बनाई जाएगी, तो लोग पसंद करेंगे.
- कहानी पर काम: सिर्फ रामायण से इंस्पायर्ड बता देने से किसी कहानी को बड़े पर्दे पर दिखाना फिल्म नहीं होता. कहानी में नयापन होना चाहिए, ताकी सबकुछ पता होने के बाद भी सस्पेंस बना रहे. स्क्रीनप्ले इतना जबरदस्त होना चाहिए कि लोगों की तालियां न रुके.
- हीरो पर एक्स्ट्रा काम: जिस पर फिल्म बन रही है माने जो पिक्चर का लीड हीरो या हीरोइन होगी, वो कहीं भी दूसरे स्टार्स के सामने कम नहीं पड़ने चाहिए. वरना फिर लीड का क्या मतलब रह जाएगा. बेशक फिल्म में कितने ही नए स्टार्स की एंट्री क्यों न हो जाए, लेकिन टच उन्हें भी पुराना वाला ही दिया जाना चाहिए.
अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए हमारा एप्प डाउनलोड करें |
Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
Source link