सपा प्रमुख अखिलेश यादव
लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की सियासत के बेताज बादशाह बनकर उभरे सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इंडिया गठबंधन के सहारे अपनी पार्टी को राष्ट्रीय बुलंदी देने का सपना संजोये रखा था. महाराष्ट्र में दो विधायक होने के बावजूद सपा को इंडिया गठबंधन में जगह नहीं मिल पाई और झारखंड में सियासी स्पेस नहीं मिला. ऐसे में अखिलेश यादव ने महाराष्ट्र में 9 और झारखंड में 21 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. सपा ने झारखंड में आरजेडी के बागी नेताओं पर दांव खेला है, तो मुस्लिम बहुल सीटों पर अखिलेश उम्मीदवार उतारकर कौन सा सियासी गेम कर रहे?
कांग्रेस के अगुवाई वाले इंडिया गठबंधन में सपा को महाराष्ट्र और झारखंड में एक भी सीट नहीं मिली है. अखिलेश यादव ने झारखंड में बड़ा खेल खेलते हुए 21 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए. सपा ने पहले चरण के चुनाव के लिए 11 और दूसरे के लिए 10 सीटों पर उम्मीदवार उतार रखे हैं. महाराष्ट्र की मुस्लिम बहुल 9 सीट पर सपा ने अपने प्रत्याशी उतारे हैं. सपा की ओर से उठाए गए कदम से झारखंड में जेएमएम और कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, तो महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी (एस) की सियासी टेंशन बढ़ सकती है.
सपा ने महाराष्ट्र का बदला झारखंड में लिया
झारखंड की कुल 81 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस 30 और जेएमएम 40 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. झारखंड में जेएमएम-कांग्रेस-आरजेडी और लेफ्ट पार्टियां मिलकर चुनावी मैदान में उतरी हैं ताकि सत्ता को बचाए रखा जा सके. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर भी सपा ने एमवीए के नेताओं के समक्ष सीटों को लेकर काफी जोर आजमाइस की थी, लेकिन बाातचीत सफल नहीं हो पाई. इसके लिए तर्क दिया गया है कि कांग्रेस ने महाराष्ट्र के जरिए सपा से यूपी उपचुनाव का बदला ले लिया, लेकिन झारखंड में सपा ने महाराष्ट्र सहित सारे सियासी बदला लेने का दांव चला है. सपा ने महाराष्ट्र और झारखंड दोनों ही जगह इंडिया गठबंधन की चुनौती बढ़ा दी है.
महाराष्ट्र में मुस्लिम सीट पर सपा का दांव
सपा ने महाराष्ट्र में मुस्लिम बहुल सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं. मानखुर्द शिवाजी नगर से अबु आसिम आजमी, भिवंडी पूर्वी से रईस शेख, मालेगांव सेंट्रल से निहाल अहमद, धुले सिटी से इरशाद जागीरदार, भिवंडी पश्चिम से रियाज आजमी, भायखला से सईद खान, औरंगाबाद पूर्व से अब्दुल गफार कादरी को प्रत्याशी बनाया है. इसके अलावा तुलजापुर विधानसभा सीट से देवानंद साहेबराव रोचकरी और परांडा से विश्वनाथ भोसले को उतारा है. इस तरह सपा महाराष्ट्र की जिन 9 सीट पर चुनाव लड़ रही है, उसमें 7 मुस्लिम और दो हिंदू समुदाय के प्रत्याशी हैं. ऐसे में साफ है कि सपा का पूरा फोकस महाराष्ट्र में मुस्लिम वोटबैंक पर है, जो कांग्रेस, एनसीपी (एस) और शिवसेना (यूबीटी) अपना मानकर चल रही है.
झारखंड में आरजेडी के बागियों पर भरोसा
झारखंड में सपा ने 21 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं, इसमें भगवानपुर, छतरपुर, जमशेदपुर, बरकट्टा, कांके, पाकुड़, महेशपुर, जरमुंड़ी, बोरयो, जमुआ, निरसा, टुंडी, विश्रामपुर, मनिका, हुसैनाबाद, गढ़वा और बरही सीटें हैं. इसमें सपा ने छह सीटों पर दूसरे दलों से आए हुए नेताओं को चुनाव मैदान में उतारा है. सपा में चार उम्मीदवार आरएजेडी से आए हैं, कांग्रेस और बसपा से आए एक-एक नेता को चुनावी लड़ाई में उतारा है. दलबदलू नेताओं को सपा ने उतारकर मुकाबले को रोचक बना दिया है.
सपा प्रमुख ने आरजेडी से आए हुए नेताओं में गिरिनाथ सिंह को गढ़वा, ममता भुइयां को छतरपुर, रघुपाल सिंह को मनिका और कमलेश यादव को हुसैनाबाद सीट से चुनाव लड़ाया है. अखिलेश यादव ने कांग्रेस से आए उमाशंकर अकेला को बरही और बसपा से आईं अंजू देवी को विश्रामपुर सीट से प्रत्याशी बनाया है. इस तरह से कांग्रेस और जेएमएम की सियासी टेंशन बढ़ गई है.
इंडिया गठबंधन का सपा बिगाड़ ना दे गेम
झारखंड और महाराष्ट्र में कांग्रेस के अगुवाई वाले इंडिया गठबंधन और बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला माना जाता है. सपा ने जिस तरह से महाराष्ट्र में मुस्लिम प्रत्याशी उतारे हैं, उससे साफ है कि मुस्लिम वोटों में बिखराव हो सकता है. महाराष्ट्र में मुस्लिम बहुल सीटों पर कांग्रेस, सपा और AIMIM ही नहीं अजित पवार ने भी मुस्लिम प्रत्याशी उतार रखे हैं. इस तरह मुस्लिम वोटों में बिखराव का खतरा बना गया है. मुस्लिम वोट अगर मुस्लिम प्रत्याशियों के बीच बंटते हैं तो सीधा नुकसान कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन को हो सकता है. इसी तरह झारखंड में भी सपा ने जिस तरह मुस्लिम बहुल और ओबीसी प्रभाव वाली सीट पर अपने उम्मीदवार को उतारे हैं, उससे जेएमएम-कांग्रेस गठबंधन की टेंशन बढ़ सकती है.
– India Samachar
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