कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला और नाना पटोले
महाराष्ट्र में नाम वापसी की तारीख खत्म होने के साथ ही कांग्रेस ने अपने कुछ उम्मीदवारों के साथ खेल कर दिया है. कहा जा रहा है कि उद्धव के दबाव में इन उम्मीदवारों के साथ पार्टी ने प्रैंक किया है. दरअसल, पहले कांग्रेस ने 110 से ज्यादा सीटों पर पर्चा दाखिल करवा दिए थे.
वहीं जब शिवसेना (उद्धव) ने इसका विरोध किया, तब पार्टी ने अपने ही उम्मीदवारों का सिंबल वापस ले लिया, जिसके कारण इन उम्मीदवारों का नॉमिनेशन रिजेक्ट हो गया है.
कांग्रेस के किन उम्मीदवारों के साथ हुआ खेल?
पहला नाम नासिक सेंट्रल से कांग्रेस के उम्मीदवार के गुलाम गौस और हेमलता निनाद पाटिल का है. दोनों ही उम्मीदवारों ने नासिक सेंट्रल से कांग्रेस के सिंबल पर पर्चा दाखिल कर दिया था, लेकिन एबी फॉर्म नहीं मिलने की वजह से दोनों का ही नामांकन रद्द हो गया है.
यहां से उद्धव के उम्मीदवार गिते वसंत निर्वुती मैदान में हैं. उनका मुकाबला बीजेपी देवयानी सुभाष फरांदे को टिकट दिया है.
रामटेक सीट से उम्मीदवार राजेंद्र मूलक के साथ भी खेल हो गया है. मूलक ने कांग्रेस के सिंबल पर पर्चा दाखिल किया था, लेकिन उन्हें बी फॉर्म ही नहीं मिला, जिसके कारण उनका नामांकन रद्द हो गया है. हालांकि, मूलक ने एक फॉर्म निर्दलीय भी फाइल किया था और वे बतौर निर्दलीय इस सीट से लड़ सकेंगे.
यहां से शिवसेना (उद्धव) के विशाल बरबेटे मैदान में हैं. उनका सीधा मुकाबला शिंदे सेना के आशीष जायसवाल से है. रामटेक सीट पर कांग्रेस शुरू से अपनी दावेदारी पेश कर रही थी.
बांद्रा ईस्ट से भी कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार वापस ले लिए हैं. यहां से कांग्रेस के अर्जुन राजपति सिंह का नामांकन रद्द हो गया है. कहा जा रहा है अर्जुन सिंह को भी पार्टी ने बी फॉर्म नहीं दिया. बांद्रा ईस्ट से शिवसेना (उद्धव) के सिंबल पर वरुण सरदेसाई मैदान में हैं.
चेन्निथला ने कहा था- फ्रेंडली फाइट नहीं करेंगे
शिवसेना (उद्धव) के ऐतराज के बाद रमेश चेन्निथला ने कहा था कि महा विकास अघाड़ी में फ्रेंडली फाइट की गुंजाइश नहीं है. हम उन सीटों पर नाम वापस लेंगे, जहां हमारी दावेदारी नहीं है. कांग्रेस ने अब तक आधिकारिक रूप से 102 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं.
इधर, शिवसेना (उद्धव) ने भी 90 से ज्यादा सीटों पर उम्मीदवारों को सिंबल दे दिया है. शरद पवार की पार्टी ने 88 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं. समाजवादी पार्टी को 2 सीटें मिली है.
उद्धव ठाकरे की पार्टी ने जताया था ऐतराज
नामांकन दाखिल होने के बाद उद्धव ठाकरे की तरफ से संजय राउत मैदान में आए थे. राउत ने कहा था कि 90 प्रतिशत सीटों पर सहमति बन गई थी, लेकिन 10 प्रतिशत सीटों पर सहमति नहीं बन पाई. जिन सीटों पर सहमति बन गई थी, वहां उम्मीदवार उतारना गठबंधन धर्म के खिलाफ है.
राउत ने सांगली मॉडल का जिक्र करते हुए कहा कि इससे महाविकास अघाड़ी को ही नुकसान होगा. दरअसल, लोकसभा चुनाव में सांगली सीट शिवसेना (उद्धव) को मिली थी, लेकिन कांग्रेस के बागी यहां से उतर गए थे, जिसकी वजह से शिवसेना (उद्धव) तीसरे नंबर पर चली गई.
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर को मतदान प्रस्तावित हैं. कांग्रेस इस बार एनसीपी (शरद), शिवसेना (उद्धव) और सपा के साथ गठबंधन में है.
– India Samachar
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