राजसमंद । कांकरोली थाना पुलिस ने 24 मार्च की रात सोनियाणा गांव निवासी टेंपो चालक मदनलाल रैगर की हत्या का खुलासा कर हत्या के आरोपी ताऊ के लड़के नरेंद्र रेगर पुत्र सोहनलाल निवासी सोनियाणा तथा नरेंद्र के भांजे मुरली उर्फ पिंटू रैगर पुत्र लादू लाल (23) निवासी मोहन नगर पांडौलाइ थाना काकरोली को गिरफ्तार किया है। पत्नी के साथ अवैध संबंध के शक के चलते आरोपी ने भांजे को 25000 रुपये की सुपारी देकर हत्या करवाई थी।
एसपी सुधीर जोशी ने बताया कि 24 मार्च की रात नेशनल हाईवे स्थित सोनियाणा गांव जाने वाले रास्ते पर कांकरोली पुलिस को लोडिंग टेंपो में एक युवक की लाश मिली थी। जिसकी पहचान मदन लाल (32) निवासी सोनियाणा के रूप में हुई। मृतक के पिता किशन लाल की रिपोर्ट पर मुकदमा दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया गया। मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करा लाश परिजनों को सौपी गई।
घटना की गंभीरता को देखते हुए एसपी जोशी द्वारा एएसपी शिवलाल बैरवा के सुपरविजन व सीओ बेनी प्रसाद मीणा के नेतृत्व में एसएचओ डीपी दाधीच, एसआई राजेंद्र सिंह व प्रोबेशनर एसआई मंगलाराम एवं साइबर सेल से एएसआई पवन सिंह की 5 टीमे बनायी गई। इन टीमों ने सीसीटीवी फुटेज खंगाल क्षेत्र के बदमाशों से पुछताछ कर मृतक के परिवार व अन्य संबंधो की जानकारी और मृतक के कार्य स्थल की समस्त जानकारी हासिल की।
इस दौरान यह सामने आया कि ताऊ के लड़के नरेन्द्र रेगर की पत्नी से मृतक के घनिष्ठ संबध होने से ताउ सोहनलाल रेगर के परिवार से झगडा चल रहा है। दोनों के संबंध उजागर होने की वजह से करीब 7-8 महीने पहले दोनो परिवारो में झगडा हुआ। समझाइश से उस वक्त तो झगड़ा शांत हो गया, उसके बाद आज तक दोनो परिवारों में कोई बोलचाल नही थी।
नरेन्द्र रेगर रंजिश पाले बैठा था, वह मदन की समस्या से मुक्ति पाना चाह रहा था। नरेन्द्र रेगर ने अपने सगे भांजे मुरली उर्फ पिंटु से 25 हजार रुपये में डील कर मदन को रास्ते से हटाने की योजना बनायी। करीब 20-25 दिन पहले भी हत्या की कोशिश की पर मदन के साथ अन्य व्यक्ति होने से इरादा टाल दिया।
24 मार्च के रोज योजना के अनुसार नरेंद्र अपनी फैक्ट्री में ही काम करता रहा। मुरली ने बाईक से मदन लाल का कांकरोली से पीछा किया। सोनियाणा रोड पर एकान्त स्थान देखकर बाईक खराब होने का बहाना बनाकर खडा हो गया। टेम्पो लेकर आये मदन लाल को रूकवा बाइक खराब होना बताया।
कुछ देर में बाइक स्टार्ट हो जाने के बाद घरेलू बातों में मदन को लगा किसी को आता ना देख स्टेरिंग पर बैठे मदनलाल पर ताबडतोड चाकु से वार कर हत्या कर दी। मदन ने अपने बचाव की कोशिश की थी जिससे मुरली के शर्ट के बटन टुट कर मौके पर ही गिर गये। जो पुलिस ने मौके से बरामद किये है। मुरली टेम्पों के दोनो गेट बन्द कर अपने घर चला गया। घटना को अंजाम देने के लिये की गई 25000 रूपये की डील में से 5000 रूपये काम होते ही मुरली को नरेंद्र ने फोन पे कर दिये, बाकी 7 दिन में देना तय हुआ। मुरली ने मृतक का पर्स दूसरे दिन सुबह सबुत के रूप में नरेन्द्र को दिया। दोनो ही मदन लाल के अंतिम संस्कार में शामिल हुए।
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