मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आयोजित भोपाल संभाग के जनकल्याण पर्व कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर किया. इस मौके पर मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि राज्य सरकार के एक वर्ष पूर्ण होने पर प्रदेश में जनकल्याण पर्व मनाया जा रहा है. इसमें विकास के साथ-साथ उन पात्र व्यक्तियों को योजना के लाभ से जोड़ा जा रहा है जो अभी तक योजनाओं के लाभ से वंचित रहे है.
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भोपाल संभाग के जनकल्याण पर्व कार्यक्रम में 758.92 करोड़ रूपये के 70 विकास कार्यों का भूमि-पूजन एवं लोकार्पण किया. उन्होंने कहा कि भोपाल केवल प्रदेश की राजधानी ही नहीं बल्कि हमारे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक गौरव का प्रतीक है. उन्होंने राजा भोज और राजा विक्रमादित्य के योगदान को याद करते हुए सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने की बात कहीं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि भोपाल के प्रत्येक प्रवेश मार्ग को गौरवशाली स्वरूप देने की दिशा में कार्य किया जाएगा. उन्होंने कहा कि राजा भोज और सम्राट विक्रमादित्य के नाम पर प्रवेश द्वार बनाएं जाएंगे. भोपाल के तालाब और यहां की वास्तुकला आज भी जल संरक्षण और स्थापत्य कला के लिये मिसाल हैं.
उन्होंने कहा कि आधुनिक समय में जल संरक्षण की परम्परागत तकनीकों को अपनाने की जरूरत है. मुख्यमंत्री डॉ. यादव भोपाल के ऐतिहासिक तालाबों की अद्भुत तकनीकी संरचना एवं उसकी उपयोगिता के को वर्तमान समय के लिये भी प्रासंगिक बताया.
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश टाईगर स्टेट ऐसे ही नहीं बना है. यहां राजधानी की जिन सड़कों पर दिन में लोगों का आवागमन रहता है, उन सड़कों पर रात्रि में बाघ को विचरण करते देखा जा सकता हैं. यह दुनिया में कहीं और देखने को नहीं मिलता. यह सबराजा भोज की नगरी भोपाल में ही होता है.
राजा भोज की गौरवशाली संस्कृति और विरासत के लिए भोपालवासियों को बधाई देना चाहूंगा कि यहां भोजपुर मंदिर में दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग स्थापित है. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भोजपुर मंदिर की पृथक से योजना बनाकर यहां की संस्कृति को देश और दुनिया के सामने लाया जाएगा.
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