मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा सीट पर बीजेपी उपचुनाव हार गई. प्रदेश सरकार में वन मंत्री और बीजेपी प्रत्याशी रामनिवास रावत चुनाव हारे हैं. कांग्रेस प्रत्याशी मुकेश मल्होत्रा ने 7 से ज्यादा वोट से जीत दर्ज की है. आख़िर क्या वजह है कि सत्ता में होते हुए भी बीजेपी इस सीट को हार गई.
कांग्रेस की पारंपरिक सीट
विजयपुर कांग्रेस की परंपरागत सीट है. आज़ादी के बाद से अब तक बीजेपी यहां सिर्फ़ एक बार ही चुनाव जीत सकी है. कांग्रेस से रामनिवास रावत ही 6 बार के विधायक रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस का वोट बैंक यहां पक्का रहा. 2023 में कांग्रेस इस सीट पर 18 हज़ार वोट से जीती थी.
दल-बदल चंबल में पसंद नहीं
चंबल की तासीर अलग है, यहां के लोग दल बदल को पसंद नहीं करते. कांग्रेस से रामनिवास रावत बीजेपी में शामिल हुए और मंत्री बने. इसके बावजूद वह चुनाव हार गए. जब ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थकों के साथ बीजेपी में शामिल हुए थे, तब उनके कई समर्थक भी विधानसभा चुनाव हार गए थे. इस बार भी यही हुआ. लोगों में आक्रोश था और रामनिवास रावत को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा.
मुकेश मल्होत्रा मजबूत उम्मीदवार
2023 के विधानसभा चुनाव में मुकेश मल्होत्रा ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था, उन्हें 45 हज़ार वोट मिले थे. इस बार उन्हें कांग्रेस ने उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया. आदिवासी वोट बैंक भी यहां कांग्रेस का रहा है. लिहाजा उसका फ़ायदा मिला और कांग्रेस ने यहां से जीत दर्ज की.
प्रचार करने नहीं गए सिंधिया
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जब कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए तब उन्होंने रामनिवास रावत से भी आने को कहा था. तब रामनिवास रावत बीजेपी में नहीं गए. यही नहीं रामनिवास रावत ने सिंधिया पर व्यक्तिगत टिप्पणियों भी की थीं. जिसकी वजह से सिंधिया रामनिवास से नाराज थे. ये सिंधिया का क्षेत्र माना जाता है, उन्हें बीजेपी ने स्टार प्रचारक भी बनाया. मगर वो एक दिन भी प्रचार करने नहीं गए. विजयपुर के लोगों का कहना है बीजेपी की हार का एक कारण सिंधिया का ना आना भी रहा.
जीतू पटवारी की मेहनत रंग लाई
विजयपुर सीट पर कांग्रेस की जीत पीसीसी चीफ जीतू पटवारी के लिए संजीवनी साबित हुई हैं. जीतू पटवारी ने यहां जमकर मेहनत की. मतदान वाले दिन भी यहां काफी विवाद हुआ. प्रशासन ने जीतू पटवारी को श्योपुर ज़िले में प्रवेश नहीं करने दिया. जीतू बॉर्डर पर ही बैठे और कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाते रहे.
बुधनी भी बीजेपी ने बड़ी मुश्किल से जीती
पूर्व CM शिवराज सिंह चौहान की परंपरागत सीट बुधनी पर भी कांटे का मुकाबला रहा. बीजेपी के प्रत्याशी रमाकांत भार्गव महज 13 हज़ार वोट से जीते. हम महज 13 हजार इसलिए भी कह रहे हैं क्योंकि शिवराज यहां से 2023 में एक लाख से ज़्यादा वोट से जीते थे. कांग्रेस के राजकुमार पटेल एक बार फिर चुनाव हार गए हैं.
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