Ghaziabad News :
गाजियाबाद विधानसभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी संजीव शर्मा ने 63 परसेंट वोट हासिल कर सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए। सियासी जानकार इसे मुख्यमंत्री योगी अादित्यनाथ के रोड शो का जादू मान रहे हैं। 20 नवंबर को हुए मतदान में बहुत कम (मात्र 33.30 प्रतिशत ) वोटिंग होने से भाजपा प्रत्याशी का भी तनाव बढ़ गया था, लेकिन योगी का रोड शो देखने वालों का मानना था कि वोटिंग कितनी भी कम हुई हो, जीतेगी तो भाजपा ही। वही हुआ। पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने लाइनपार में रोड शो किया, लोगों ने योगी आदित्यनाथ का पलक पांवड़े बिछाकर स्वागत किया। उसी दिन साफ हो गया था कि इस चुनाव में तो भाजपा को कोई हरा नहीं सकता।
हर राउंड पर बढ़ती गई लीड
मतगणना शुरू हुई तो भाजपा प्रत्याशी संजीव शर्मा ने पहले राउंड से बढ़त बनानी शुरू की और वे अंत तक दूसरे प्रत्याशियों के हाथ नहीं आए। हर राउंड पर संजीव शर्मा की लीड बढ़ती ही गई और उन्होंने 2022 में अतुल गर्ग द्वारा बनाए गए रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया। बता दें कि 2022 के विधानसभा चुनाव में अतुल गर्ग ने 51.60 फीसदी वोट हासिल कर रिकॉर्ड कायम किया था। उपचुनाव में संजीव शर्मा ने करीब 63 फीसदी मत हासिल किए हैं। उपचुनाव में कुल 1,53,743 वोट पड़े, इसके बाद भी संजीव शर्मा करीब 70 हजार वोटों की लीड से सपा प्रत्याशी का पटखनी देने में कामयाब रहे।
अतुल गर्ग की प्रतिष्ठा भी लगी थी दाव पर
इस चुनाव में सांसद अतुल गर्ग की प्रतिष्ठा भी दाव पर लगी थी। उसके दो कारण थे। पहला यह उपचुनाव हो ही अतुल गर्ग के कारण रहा था। विधायक रहते अतुल गर्ग ने लोकसभा चुनाव जीतने के बाद इस सीट से इस्तीफा दिया था। उन्होंने सार्वजनिक तौर पर खुद को उपचुनाव के लिए जिम्मेदार भी बताया था। दूसरे, संजीव शर्मा को प्रत्याशी बनवाने में उनकी भूमिका थी। गैर वैश्य को उम्मीदवार बनाकर पार्टी अतुल गर्ग की पिच पर खेलने को तैयार हुई, जबकि बगल वाली साहिबाबाद विधानसभा सीट पर भी ब्राहमण समाज से आने वाले सुनील शर्मा विधायक हैं और लोससभा चुनाव से पहले ही उन्हें केबिनेट से नवाजा गया था। ऐसे में वैश्य नाराज न हो, इसकी जिम्मेदारी खुद- ब- खुद अतुल गर्ग के ऊपर आ गई थी। यही कारण रहा कि उन्होंने वैश्य समाज के टिकटार्थियों को भी साधने के पूरे प्रयास किए और कामयाबी भी मिली।
मंझे हुए रणनीतिकार भी हैं संजीव शर्मा
केवल 12 साल के संघर्ष के बाद भारतीय जनता पार्टी में महानगर अध्यक्ष के पद तक पहुंचने वाले संजीव शर्मा एक मंझे हुए रणनीतिकार माने जाते हैं। 2007 में सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए संजीव शर्मा 2019 में पार्टी के महानगर अध्यक्ष बन गए थे। तब से निरंतर हर चुनाव में भाजपा को विजयश्री प्राप्त हुई। पार्षदी से लेकर सांसदी तक भाजपा का झंडा बुलंद रहा। पार्टी के अंदरूनी विवाद भी संजीव शर्मा बड़ी समझदारी से निपटाते रहे। मेंबरसाजी में गाजियबाद को टॉप पर ले जाने वाले संजीव शर्मा ने अपनी मेहनत से भी सफलता की कहानी लिखने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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