अजय देवगन की एक महीने में दो फिल्में रिलीज हो चुकी हैं. पहली- सिंघम अगेन और दूसरी- नाम. दिवाली पर ‘सिंघम अगेन’ आई थी, जिसे ‘भूल भुलैया 3’ ने टक्कर दी. पिक्चर को अनीस बज्मी ने बनाया है. अब अनीस और अजय देवगन की फिल्म आ गई. पर दोनों में से किसी ने इसे प्रमोट नहीं किया. चुपके से इसकी रिलीज का ऐलान हुआ और रिलीज कर दी गई. 20 साल पहले इस पर काम हुआ था, लेकिन अब सिनेमाघरों में लगी है. फिल्म में बहुत कुछ अच्छा और बुरा है. न देखने की वजह जान लीजिए.
यूं तो 20 साल पहले आई इस फिल्म को ‘सिंघम अगेन’ से बेहतर बताया गया है. दरअसल उस वक्त मेकर्स के पास पिक्चर में कुछ नया ट्राई करने के उतने ऑप्शन नहीं होते थे. बावजूद इसके फिल्म को जितना बेहतर किया जा सकता था हो गया. पर 20 साल पहले बनी इस फिल्म में भी चूक हुई है.
फिल्म न देखने की 4 बड़ी वजहें!
- फिल्म में गाने: इस समय ऑडियंस का फिल्म देखने और समझने का तरीका पूरी तरह से बदल गया है. ऐसे में फिल्म में सबसे बड़ी गलती यही है कि कहीं पर भी गाने जोड़ दिए गए हैं. फिल्म देखकर ऐसा लगता है कि जबरदस्ती बीच में डाले गए हों. जैसे फिल्म में थ्रिल सिचुएशन चल रही होती है, तभी कहीं से रोमांटिक गाना आ टपकता है. ऐसे में समझ ही नहीं आता कि यह हुआ क्या है. कहां से कहां कहानी पहुंच गई.
- फिल्म में नकलीपन: 20 साल पहले जब यह फिल्म बनी होगी, तब मेकर्स के पास उतने ऑप्शन नहीं रहे होंगे. ऐसे में फिल्म में कई ऐसे सीन्स हैं, जो देखने के एकदम नकली लगते हैं. खासकर एक सीन है- जहां अजय देवगन के चेहरे पर खून ही खून दिख रहा है. उसे देखकर लगता है कि अलग से चेहरे पर खून लगाया गया हो. वहीं डायलॉग्स भी काफी अजीब हैं, जिसे सुनकर पहली बार में आपको भी अजीब सा महसूस होगा.
- अभिनय सही नहीं: यूं तो अजय देवगन की एक्टिंग ‘नाम’ में काफी बढ़िया है. उन्हें देखकर ऐसा महसूस नहीं हुआ कि वो बनावटी एक्टिंग कर रहे हैं. लेकिन फिल्म के दूसरे जो एक्टर्स हैं, खासकर समीरा रेड्डी का अभिनय देखकर लगा कि वो ओवर एक्टिंग कर रही हैं. उनकी एक्टिंग में बनावटी पन दिख रहा था.
- क्लाइमैक्स: फिल्म की कहानी अच्छी है. लेकिन स्क्रीनप्ले कुछ खास नहीं लगा. खासकर यहां क्लाइमैक्स की बात होनी चाहिए, जिसे जबरदस्ती खींच दिया गया है. 20 मिनट का जो क्लाइमैक्स था, उसे जल्दी खत्म किया जा सकता था और किया भी जाना था. उसमें 5 मिनट से ज्यादा का कुछ नहीं है. हालांकि, फिल्म देखकर बोरियत नहीं होती. पर लास्ट में जो रफ्तार धीमी पड़ी, उसने मामला बिगाड़ दिया.
अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए हमारा एप्प डाउनलोड करें |
Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
Source link