प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानि 21 नबंर को गुयाना के संसद की विशेष सत्र को संबोधित करेंगे. वैश्विक स्तर पर प्रधानमंत्री मोदी की कूटनीतिक और संपर्क को बढ़ाने का ये एक खास मौका साबित हो सकता है. प्रधानमंत्री मोदी पहले भी कई देशों की संसदों में भारत की तरफ से अपना पक्ष रखा है. गुयाना में प्रधानमंत्री मोदी का ये 14वां ऐसा मौका होगा. विदेशी संसद के विशेष सत्र में इतनी ज्यादा बार भाग लेने वाले पीएम मोदी ऐसे पहले प्रधानमंत्री होंगे, जिन्होंने विदेशी संसदों में मंत्रियों को सबसे ज्यादा बार संबोधित किया है.
इनसे पहले भारत के प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह ने कुल 7 बार विदेशी संसदों में अपना संबोधन दिया था. प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से दोगुना है. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरागांधी के विदेशी विधायिका में 4 बार अपना संबोधन दिया था. इनसे पहले पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भी तीन बार विदेशी संसद में अपना संबोधन दिया है. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी ने कुल दो बार विदेशी संसदों में अपना संबोधन दिया है. मोरारजी देसाई और पीवी नरसिम्हा राव ने सबसे कम केवल एक-एक बार अपना संबोधन दिया था.
वैश्विक मंच पर भारत का बढ़ रहा है प्रभाव
पिछले कुछ सालों में पीएम मोदी ने अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया सहित एशिया तक दुनिया भर के कई संसदों में अपना भाषण दिया था. विदेश की संसदों में पीएम मोदी के उनके संबोधन वैश्विक मंच पर भारत के बढ़ते प्रभाव को दिखाने के लिए काफी है. प्रधानमंत्री मोदी ने दुनिया के सबसे लोकतंत्र अमेरिकी कांग्रेस में भी संयुक्त सत्र को दो बार संबोधित कर चुके हैं.
पहले 2016 उसके बाद फिर 2023 में उन्होंने अमेरिकी संसद में अपना संबोधन दिया था. 2014 में पीएम ने ऑस्ट्रेलिया और फिजी में भी संसद को संबोधित किया था. 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटिश की संसद में अपना संबोधन दिया था. 2015 में ही अफ्रीका में मॉरीशस की नेशनल असेंबली उसके बाद साल 2018 में युगांडा की संसद में अपना संबोधन दिया था.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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